मेरी मौत का जनाजा – Sad Love Story 2025

आज मेरी मोहब्बत का जनाज़ा निकला है…
कल शायद मेरी मौत का जनाज़ा तेरे घर के सामने से निकलेगा।
तू खिड़की से देखेगी…
लोग मुझे सफेद कफ़न में बेहिसाब रोते हुए ले जा रहे होंगे,
पर मैं…
खामोश रहूंगा,
तेरे नाम की वो सिसकी भी अब मेरे होठों से नहीं निकलेगी।


कल तुम मेरी लाश से बात करने आओगी,
मेरे ठंडे जिस्म को पकड़ कर रोओगी,
“एक बार बोलो ना… क्यों चले गए?”
पर तब मेरे लबों से
एक शब्द भी नहीं निकलेगा।


तुम आज मुस्कुरा रही हो,
किसी और की बाहों में सुकून ढूंढ रही हो,
खुश रहो तुम…
पर याद रखना —
आज हम रो रहे हैं,
कल तुम्हारी आंखों से भी
अश्क बनकर हमारा प्यार निकलेगा।


आज तुमने मेरी मोहब्बत को नासमझी समझा,
हमें कांटा समझकर ठुकरा दिया,
कल जब तुम्हारा फूल भी
लहू-लहू हो जाएगा,
तब शायद समझ पाओगी —
हमारे इश्क़ की चुभन क्या थी।


तुमने तो अलविदा कह दिया,
हमारे सारे वादों, पलकों, ख्वाबों को छोड़कर…
तुम्हारी रातें आज किसी और के साथ रोशन हैं,
पर याद रखना —
कल मेरी मोहब्बत का सूरज
तुम्हारे आँगन में कभी नहीं निकलेगा।


हमारा साथ,
हमारी हँसी, हमारी आँखों में छिपी दीवानगी —
शायद आज एक मज़ाक थी तुम्हारे लिए…
पर कल जब यादों की आँच तुम्हारे सीने को जलाएगी,
तब तुम समझोगी —
जिसे तुमने ठुकराया था,
वो इश्क़ नहीं,
तुम्हारा मुकद्दर था।


तुम चल दोगी आगे,
हँसते हुए शायद किसी और के साथ ज़िंदगी बसा लोगी…
पर पीछे ये चेहरा…
अकेला रह जाएगा,
जो अब कभी किसी मुस्कान की वजह नहीं बनेगा।

“तू मेरी मौत पर भी ना रोना…क्योंकि मेरी आख़िरी ख्वाहिश भी तू पूरी नहीं कर पाई…” 💔“उसकी बेवफ़ाई मेरी आख़िरी साँस बन गई…”

Leave a Comment